यह समाज है या राजनीति मंच...!

यह समाज है या राजनीति मंच...!
माहेश्वरी बंधुओं की संस्था अ.भा. माहेश्वरी सेवा सदन पुष्कर जो एक सामाजिक संस्था है, जिसमें देशभर के लगभग 13 हजार आजीवन सदस्य इस संस्था से जुडे हैं और उनकी भावना ब्रह्मा की तीर्थ नगरी पुष्कर से जुडी है। इस भावना से समाज बंधु पुष्कर सेवा सदन में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। देशभर के समाज बंधुओं ने जैसे-जैसे इस संस्था की आजीवन सदस्यता ली, वैसे-वैसे संस्था का वृहद रूप होता गया है, जिसके चुनाव कैसे हों इसका नजारा 5 अगस्त को पुष्कर में देखने को मिला।
जिस तरह देश के राजनेताओं के विधानसभा व सांसद के चुनाव नामांकन पत्र भरने के दौरान समर्थकों की भीड जुटाई जाती है उसी का अनुसरण सेवा सदन के श्री भूतडा की पैनल ने सबसे पहले जुलूस निकालकर यह बताया। जो अपने समर्थकों के साथ गौतम आश्रम से जुलूस निकालकर पुष्कर भवन कार्यालय पहुंचे। माहेश्वरी समाज की यह सामाजिक संस्था जिसमें ऐसी राजनीति परिपाटी डालना उचित है?
चुनाव में जो राजनीति हवा दी जा रही है जो भविष्य में आने वाले समय में समाज को क्या दिशा देगी ?
क्या देशभर की माहेश्वरी समाज की संस्थाएं इसका अनुसरण नहीं करेंगी? इस तरह का चुनावी माहौल बनाने का क्या अर्थ है? क्या इससे समाज के खर्चे नहीं बढेंगे? आज तो जुलूस का रूप । कल बडे-बडे बैनर, हाथी घोडे, पालकी में बैठकर चुनाव नामांकन भरने जाएंगे?
समाज के जो चुनाव एक जाजम पर बैठकर होते थे वे आज इस राजनीति की तरह हो रहे हैं समाज में इसकी शुरुआत होना समाज के हित में है? यदि इस पर अभी से रोक नहीं लगी तो आने वाला समय देश की छोटी-छोटी माहेश्वरी संस्थाओं में इसका अनुसार नहीं होगा? अभी  तो माहेश्वरी समाज की महासभा इससे बची हुई है। उसमें आज तक ऐसी कोई परिपाटी देखने को नहीं मिलती, परन्तु लगता है इसकी नींव सेवा सदन के श्री भूतडा ने रख दी है जो समाज को किस मुकाम पर ले जाएगी ?

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