प्रेरणा मिलती है ऐसे समाजसेवी से

प्रेरणा मिलती है ऐसे समाजसेवी से



स्व. श्री गोवर्धनलालजी सोनी और स्व. श्री रामजसजी बाल्दी (जज साहब) ने पुष्कर में सेवा सदन का बीजारोपण किया। माहेश्वरी समाज के सम्मेलन में आने वाले समाज बंधुओं को ठहरने के लिए एक धर्मशाला बनाने का निर्णय हुआ। इसके लिए पहले दानदाता स्व. श्री मदनलालजी मूंदडा थे। समाज रत्न स्व. श्री गोवर्धनदासजी सोनी के अथक प्रयासों से सेवा सदन का शिलान्यास विक्रम संवत 2026 में हुआ और करीब एक करोड की लागत से सेवा सदन भवन तैयार करवाया। आप गो भक्त थे यहां आपने 40 गायें पाल रखी थी, जिनकी सेवा स्वयं 4 बजे उठकर करते थे।
महासभा के पुष्कर सम्मेलन सन् 1984 में आपको समाज रत्न की पदवी से अलंकृत कर रजत पद से सम्मानित किया गया। स्व. श्री सोनी के कार्यकाल (1984-87) में आप सेवा सदन से जुडे। स्व. श्री सोनी का 6 सत्रीय अध्यक्षीय कार्यकाल 1971-1987 तक रहा। 1987 में इन्दौर माहेश्वरी सम्मेलन के दौरान मंच पर आपने शुध्द और स्वच्छ छवि के निर्माण पर आवश्यक जोर दिया और कहा कि समाजसेवा करते हुए प्राण भी निकल जाए तो कोई हर्ज नहीं होगा। आप अपना उद्बोधन समाप्त कर कुर्सी की ओर बढे और कुर्सी पर बैठते ही जय महेश कहते उनके प्राण निकल गए। आपने अपने उद्बोधन में यह इच्छा जाहिर की थी कि पुष्कर जैसा भवन वृंदावन में भी बने। आपकी मृत्यु के समाचार मिलते ही पूरे मेडता में शोक की लहर छा गई। अंतिम संस्कार में पूरे गांव के लोग शामिल हुए। आज भी सेवाभावी लोगों को उनके प्रेरणामयी चरित्र से प्रेरणा मिलती है।

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