समाज परिवर्तन चाहता है या फिर वही...



पुष्कर। अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन के प्रबंधकारिणी के चुनाव के नामांकन भरने की अंतिम तिथि 5 सितम्बर 2012 समय 11 से 4 बजे तक चुनाव मुख्यालय पुष्कर में भरने थे। सेवा सदन के सदस्यों के दो गुटों के समर्थकों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों ने दमखम के साथ चुनाव की रेली निकाली और नामांकन भरने के लिए चुनाव मुख्यालय पर पहुंचे।
सबसे पहले सेवा सदन के श्री रामकुमार भूतडा ने तीसरा बार पुनः चुनाव में अपना नामांकन पत्र अपनी टीम के साथ 'गौतम आश्रम' से लगभग 450 समर्थकों ने सुबह मुख्य चुनाव कार्यालय सेवा सदन पुष्कर में पहुंच कर नामांकन दाखिल किया। वहीं बाद में श्री श्यामसुंदर बिडला मेडतासिटी अपने 550 समर्थकों के साथ 'प्रेमप्रकाश आश्रम' से 3 बजे मुख्य चुनाव कार्यालय नामांकन पत्र भरने पहुंचे। उसी दौरान दोनों गुटों में आपसी कहासुनी में तनाव बढ गया था। पुष्कर के पीछे वाले भाग जहां नामांकन भरने के कक्ष उसमें मात्र 20-25  लोग ही अन्दर जा सके, बाकी समर्थक बाहर खडे थे उसी दौरान अन्दर जाने के लिए धक्का-मुक्की होने से गरमा-गरमी बढ गई।
इस गहमा-गहमी के खबरें मीडिया और पुलिस तक पहुंच गई। इस खबर को मीडिया ने समाज के चुनाव की हलचल की जानकारी प्रमुखता से अपने समाचार-पत्रों में प्रकाशित की, जिसमें अजमेर से निकलने वाला दैनिक भास्कर संस्करण व राजस्थान पत्रिका ने माहेश्वरी समाज के जो समाचार प्रकाशित हुए हैं। माहेश्वरी समाज के लिए यह अशोभनीय घटना है, जिससे माहेश्वरी समाज में क्या संदेश जाएगा? जो सेवा सदन के चुनाव को लेकर सारे देश में यह प्रचार हुआ। यहां तक कि यह समाचार  टीवी चैनल पर प्रसारित हुए।
अभी तो केवल नामांकन ही भरे गए हैं जबकि मतदान होना तो अभी बाकी है। यदि इस तरह का माहौल सेवा सदन के चुनाव में होगा तो माहेश्वरी समाज को इस चुनाव से क्या दिशा मिलेगी?
इसी प्रकार कुछ माह पूर्व पुष्कर में गोविंद भवन के शिलान्यास के दौरान सेवा सदन के कुछ सदस्यों ने सेवा सदन के चुनाव की तिथि घोषित करने के लिए सेवा सदन के पदाधिकारियों का घेराव किया था और चुनाव की घोषणा की तिथि के लिए घेराबंदी की तभी दैनिक राजस्थान पत्रिका समाचार-पत्र ने इस खबर को प्रमुखता से फोटो सहित प्रकाशित किया था क्योंकि सेवा सदन चुनाव की निर्धारित समय सीमा का समय व्यतीत होने के कारण सेवा सदन के कुछ सदस्यों ने यह कदम उठाया उसी दौरान चुनाव की घोषणा उद्घाटन के दौरान करना पडी। इस तरह के समाचार जो समाचार-पत्रों में छपे जो माहेश्वरी समाज के लिए अशोभनीय बात है। सूत्रों के हवाले से ज्ञात हुआ है कि इसी तरह सेवा सदन पर पुष्कर और अजमेर न्यायालय में प्रकरण चल रहे हैं। नौ स्थानों पर चुनाव कराने को लेकर भी न्यायालय में प्रकरण लंबित है। इसके पीछे विधान के अनुरूप कार्य करने का कारण बताया जा रहा है। जिसका यह लोग न्यायालय से चुनाव के निर्णय का बेस्र्री से इंतजार कर रहे हैं कि चुनाव नौ स्थानों की बजाए पुष्कर मुख्यालय पर ही हो ऐसा इनका मत है। देखना है कि दोनों पक्षों में कौन किस पर भारी पडेगा और जीत किसके पक्ष में होगी। 

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