चार धामों में एक धाम द्वारकाधाम

चार धामों में एक धाम द्वारकाधाम


द्वारका (गुज.) चार धामों में एक धाम 'द्वारकाधाम' मुख्य तीर्थ स्थान है। गोमती नदी और समुद्र के संगम तट पर स्थित यह नगरी हमारी श्रध्दा और पूजा की नगरी है। द्वारिका के पास बेट द्वारिका जिसे शंख द्वार भी कहा जाता है, जहां वेदों की रक्षा करने वाले शंख नारायण भगवान का मंदिर स्थित है। आसपास के क्षेत्रों में नागेश्वर महादेव, सोमनाथ महादेव, गिरनार पर्वत, सुदामा नगरी आदि कई दर्शनीय धार्मिक स्थल है।
श्री अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट द्वारा 25000 स्क्वेर फीट भूमि पर भवन निर्माण कार्य चल रहा है।
जहां प्रथम चरण में आधुनिक सुविधा युक्त 47 ए.सी. कमरे, भोजनशाला, सत्संग हॉल, तीन मिनी हाल, स्वागत कक्ष, लिफ्ट, पागि, गार्डन इत्यादि प्रस्तावित है, जिसकी लागत लगभग 7 करोड रुपए है।
भवन निर्माण एक लाख अथवा अधिक राशि दानदाताओं के नाम शिलालेख भवन में होंगे। हर वर्ष एक कमरे हेतु 5 दिन की निःशुल्क आवास व्यवस्था के हस्तांतरणीय कूपन (15 वर्ष तक) तथा आयकर की धारा 80 जी में छूट का लाभ मिल सकेगा।
सेवा ट्रस्ट पदाधिकारीगण संरक्षक सर्वश्री रामपाल सोनी, बजरंग जाखोटिया, रंगनाथ न्याति, संस्था अध्यक्ष सर्वश्री श्यामसुन्दर कासट, महामंत्री रामस्वरूप जैथलिया, कोषाध्यक्ष विनोदकुमार बांगड, बजरंगलाल बाहेती, प्रकाशचन्द लढा हैं।
द्वारिका भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष सर्वश्री रामगोपाल खटोड हैं तथा संयोजक सर्वश्री जुगलकिशोर बाहेती, मुरलीधर काबरा, नवीनकुमार कांकाणी, प्रहलादराय लढा, गोपाल झंवर, जगदीशचन्द्र सोमानी, अनिलकुमार बांगड, जग्ननाथ काबरा, गोविन्दगोपाल सोनी, गजानन्द राठी आदि हैं। 

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