सेवा सदन के बजाय महासभा के चुनाव लड़े- श्री सोनी

सेवा सदन के बजाय महासभा के चुनाव लड़े- श्री सोनी
समाज के होनहार छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढें
  सेवा सदन की भीलवाड़ा में चुनावी सभा  
भीलवाडा, (राज.)। अखिल भारतवर्षीय महासभा के सभापति श्री रामपाल सोनी से जब यह पूछा गया कि सेवा सदन के अध्यक्ष श्री रामकुमार भूतडा तीसरी बार चुनाव में खडे हो रहे हैं, जबकि आपने सेवा सदन की पूर्व सत्र की साधारण सभा में बोला था कि भूतडा जी तीसरी बार चुनाव नहीं लडेंगे। इस पर श्री सोनी ने यह बात स्वीकार की और कहा कि हां मैंने यह साधारण सभा में कहा था वह सही है, परन्तु यह बात मैंने इसलिए कही थी कि श्री भूतडा ने मुझसे उस दौरान कहा था कि अभी सेवा सदन के काम अधुरे पडे हैं इसलिए मुझे दोबारा चुनाव लडना है आप मेरा साथ दें तो श्री सोनी ने यह बात सहर्ष स्वीकार की और मैंने उनका दूसरी बार समर्थन किया था, परन्तु अब मैंने उन्हें महासभा के चुनाव लडने की सलाह दी और कहा कि आपको महासभा के द्वारा देशभर के समाज बंधुओं के लिए आगे आना चाहिए, परन्तु उन्होंने मेरी यह बात स्वीकार नहीं की और तीसरी बार वापस सेवा सदन के चुनाव में खडे हुए हैं।
28 अगस्त 2012 को जब सेवा सदन के श्री भूतडा ने भीलवाडा में चुनावी सभा ली तब उस मीटिंग में श्री सोनी ने साफ शब्दों में कहा कि भूतडा जी को तीसरी बार सेवा सदन चुनाव नहीं लडना चाहिए और यदि भवन बनाने हो तो उसके लिए चुनाव नहीं लडे, क्योंकि सेवा सदन के करोडों के भवनों की व्यवस्था लम्बे समय में कौन संभालेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने श्री भूतडा से आग्रह किया कि सेवा सदन को शिक्षा के क्षेत्र आगे बढाना चाहिए और समाज के कमजोर व होनहार छात्रों के लिए युनिर्वसिटी योजना लाकर उनके उज्जवल भविष्य के लिए काम करना चाहिए। आने वाला समय शिक्षा के लिए विशेष कदम होगा। सेवा सदन भवन बनाने में करोडों की राशि खर्च करता है तो शिक्षा के क्षेत्र में युनिर्वसिटी योजना भी ला सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जितना इंफ्रक्चर महासभा के पास नहीं है उतना आपके पास है। श्री सोनी ने तीन पक्ष रखें कि भवन रख-रखाव, उसे कैसे चलाना और बनाना तीन बातें होती है। आपने चुनाव की टीम जिताने पर कहा कि चयन करना आपका अधिकार है टीम का चयन अपने निर्णय विवेक करना चाहिए।

  इस ख़बर पर अपनी राय दें:
आपकी राय:
नाम:
ई-मेल:
 
   =   
 
ई-मेल रजिस्टर करें

अपनी बात
मतभेद के बीच मनभेद न आने दें...।

मतभेद के बीच मनभेद न आने दें...।