बैंगलोर माहेश्वरी महिला मण्डल द्वारा रामकथा का समापन

बैंगलोर माहेश्वरी महिला मण्डल द्वारा रामकथा का समापन


बैंगलोर (कर्नाटक)। नगर में प्रथम बार माहेश्वरी महिला मंडल बैंगलोर अध्यक्ष सुशीला राठी, सचिव कान्ता काबरा के तत्वावधान में संत शिरोमणि बापू चिन्मयानन्दजी महाराज (हरिद्वार वाले) द्वारा 30 अगस्त से 5 सितम्बर तक माहेश्वरी भवन में रामकथा का आयोजन कराया। रामचरित मानस महान ग्रन्थ की पूजा अर्चना के साथ कथा व्यास संत शिरोमणी बापू चिन्मयानन्दजी महाराज का माल्यार्पण किया गया। भजन सम्राट निरंजन शारडा ने गणेश वन्दना की प्रस्तुति दी व मंजू झंवर ने स्वागत गान गाया। राष्ट्रीय संत बापू ने रामचरित मानस का महत्व बताते हुए कहा कि रामकथा जीवन जीने की कला सिखाती है। जीवन जीने के गुण सिखाने की पाठशाला है। राम व कृष्ण के चरित्र का वर्णन किया तथा भगवान राम द्वारा किये गये कार्यों का अनुसरण करना चाहिए तथा जीवन ऐसा जीना चाहिए जिससे लोक में कीर्ति, परलोक में मुक्ति प्राप्त हो। रामायण में 7 श्लोकों का वर्णन करते हुए रामायण के 7 काण्ड हैं। शक के बीच लिखी गई किसी तर्क वर्ण के लिए नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव समाज के लिए वर्ण व भेदभाव से ऊपर उठकर जीना सिखाती है। मनुष्य का सदा सत्य का वर्ण कर राम की भाँति मर्यादित जीवन जीना चाहिए। धर्म भी बडी-बडी विपत्तियों से बचाता है। मधुर भजन गोविन्द हे गोपाल के साथ कथा का समापन किया गया। अंतिम दिवस आहुति-पूर्णाहुति दी गई। अध्यक्ष सुशीला राठी, सचिव कान्ता काबरा ने सभी का हार्दिक आभार प्रगट किया। जनगणना संयोजक गिरिराज माहेश्वरी ने बधाई व शुभकामनाएं देते हुए अनुष्ठान की सराहना की।

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