इन्दौर में वैश्य सोशल ग्रुप का गठन

इन्दौर में वैश्य सोशल ग्रुप का गठन



इन्दौर (म.प्र.)। श्री प्रीतमलाल दुआ सभागृह में 17 फरवरी रविवार के दिन वैश्य समाज के बंधुओं ने मिलकर 'वैश्य सोशल ग्रुप' का गठन नई ऊर्जा और नए संकल्प के साथ किया। यह ग्रुप जिसमें 101 कपल सदस्यों ने इस गठन की प्रक्रिया में भाग लिया और पदाधिकारियों का निर्विरोध चयन किया गया।
सर्वसम्मति के चयन के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान गणेश के द्वीप प्रज्जवलित के साथ किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री गोविंद मालू उपाध्यक्ष म.प्र. खनिज विकास निगम थे। विशेष अतिथि श्री गोपीकृष्ण नीमा पूर्व विधायक व कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सुरेश मिंडा ने की। 



स्वागत भाषण श्री विष्णु गोयल संस्था अध्यक्ष ने दिया। उन्होंने श्री मुनीष मालानी के अथक प्रयास से यह संस्था का गठन पर उन्हें शुभकामना देते हुए वैश्य सोशल ग्रुप के वे सभी बंधु जिन्होंने इस ग्रुप को बनाने में अथक प्रयास किए उन सभी का भी उन्होंने अभिवादन किया। ग्रुप के माध्यम से वैश्य समाज के कई लोग जुडकर उसका लाभ ले सकेंगे। आज समाज में घट रही कई परिस्थितियों से अवगत कराते हुए उस पर अमल करने की बात कही। यह ग्रुप समस्याओं का निराकरण में अपनी अहम भूमिका निभाएगा। संस्था में अग्रवाल, जैन, माहेश्वरी, खंडेलवाल, मेडतवाल सहित वैश्य के सभी घटक शामिल हैं।
मुख्य अतिथि गोविंद मालू ने कहा कि वैश्य सोशल ग्रुप द्वारा समाज के सभी घटक का आपस में सामंजस्य बनेगा जिससे  आपस में रिश्ते जोडने में मदद मिलेगी।  वैश्य वर्ग तो सरकार को देता आया है देश चलाने में वैश्य वर्ग का हाथ हमेशा ऊंचा रहा है परन्तु वक्त आने पर वैश्य को निंबु की तरह निचोड दिया जाता है।
विशेष अतिथि के रूप में श्री गोपीकृष्ण नीमा ने अपने अनुभव की बात करते हुए कहा कि जिस वक्त गणेशजी के समक्ष दीपक जो पांच बत्ती का जलाकर शुभारंभ कर रहे थे तब हवा से बत्ती जल नहीं रही थी तब किसी ने कहा कि बत्ती में कपूर लगा है परन्तु हमने अपने अनुभव का उपयोग किया कि पांचों बत्ती को एक साथ इकट्ठा कर ज्योत जलाई तो वह हवा के झोंकों से भी नहीं बुझी और हवा से मुकाबला कर रही है जो आपके सामने ज्योत बराबर जल रही है। इसका उदाहरण देते हुए आपने कहा कि वैश्य सोशल ग्रुप जिसका आज गठन हुआ है यदि उसमें अलग-अलग होकर चले तो वह गति नहीं पकड सकता। यदि दीपक की पांचों लोई को जिस तरह इकट्ठा कर ज्योत जलाई उसी तरह यदि ग्रुप के लोग इकट्ठा होकर कार्य करेंगे तो निश्चित ही कार्य सफल होंगे। आपने गणेशजी की आकृति पर कहा कि गणेशजी के कान बडे हैं, शरीर बडा है, पेट बडा है परन्तु मुँह छोटा है। कहने का मतलब है सुनो ज्यादा और बोलो कम तो निश्चित ही कार्य सफल होंगे। अपना पेट भी बडा रखें, बात पचाने की कोशिश करें। आपने 101 सदस्यों के गठन पर कहा कि यह अभी अधुरा है इसे 108  करना चाहिए जो सात बाकी हैं उन्हें भी जोडकर 108 की माला बनाना चाहिए। यही नहीं यह रफ्तार यहां नहीं रुकना चाहिए कई शहरों, राज्यों में इस तरह की कई शाखाएं और बने तो वैश्य समाज अग्रणी होकर समाज का भला कर सकेगा। आपने वैश्य समाज की बात करते हुए कहा कि आज देश में वैश्य राजनीति में बहुत कम लोग हैं जबकि अन्य समाज राजनीति में होकर सरकार से अपनी बात मनवा लेते हैं जिसमें हम पिछडे हुए हैं। आपने अन्य समाज के नाम भी गिनाएं जो सरकार से अपनी मांगे पूरी करवा लेते हैं। आपने वैश्य समाज के  समुदाय को राजनीति में आने की बात कही। आपने लडके-लडकियों के अनुपात पर कहा कि पहले आठ से बारह संतानें होती  थीं परन्तु आज एकल परिवार होकर एक या दो संतान का परिवार ही हो गया है। लडके-लडकियों की शिक्षा पर आपने बताया कि बच्चे पढने के लिए बैंगलोर, पूणे, दिल्ली में जाते हैं वहां पर पढाई के दौरान लडके-लडकियों में आपस में प्रेम हो जाता है तब लव मैरिज अरेंज की बात सामने आती है। बुजुर्ग माता-पिता को मजबूरन  अपनी ओर से हाँ ही करना पडती है और अरेंज मैरिज कर दी जाती है। लडकियों की कमी के अनुपात पर आपने कहा कि यदि हमने इस ओर भी ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में लडकों को दहेज देना पडेगा ऐसी नौबत भी आ सकती है।  कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पार्षद सुरेश मिंडा ने भी अपने विचार रखे। मुंबई से पधारे श्री शिरीष कापिडया वाइस प्रेसीडेंट ज्वाइंट इंटरनेशनल ने वैश्य सोशल ग्रुप के गठन पर बधाई देते हुए कहा कि यह संस्था दिन-दिनों प्रगति करे मेरी शुभकामना है। आपने कहा कि जिस उद्देश्य से संस्था का गठन हुआ है उस पर ही चलकर आगे बढना चाहिए। आपने ग्रुप के पदाधिकारियों को आगाह किया कि ऐसा न हो कि संस्था केवल मीटिंग-इटींग-सीटिंग बनकर रह जाए।



अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान महेश के सम्मुख द्वीप प्रज्जवलित के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत  संस्था अध्यक्ष विष्णु गोयल के अलावा मुनीश मालानी ने पौधे के गमले देकर किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में फलों के स्मृति स्वरूप टोकरी प्रदान कर किया गया।
सदस्यों को पुराने फिल्म गीतों से तम्बोला का खेल खिलाया गया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। तम्बोला खेल श्री नरेश रणधर व श्री मुनीश मालानी ने खिलाया। श्री रणधर ने पुराने गीतों की प्रस्तुति देकर सदस्यों को भाव-विभोर कर दिया। ग्रुप के सभी सदस्यों ने इस कार्यक्रम में बढ-चढकर हिस्सा लिया और पुराने फिल्मी गीतों के स्वर के साथ झुम उठे। विशेष आमंत्रितों में सोशल ग्रुप के अध्यक्ष संतोष साबू, मोहनलाल मंत्री, स्वरूप मथुरावाला, रवि खंडेलवाल, पुरुषोत्तम गुप्ता, हेमंत जैन आदि कई गणमान्य आमंत्रित थे। विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सदस्यों में कमलेश गगरानी, गोपाल कासट, कल्याण मंत्री, कैलाश परतानी, मोहनलाल मंत्री, रमेशचंद मालपानी, अजय बियाणी, चंद्रप्रकाश हेडा, अशोक सोनी, सुरेश चिचाणी, श्रीमोहन सोमानी आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन सपना सोनी व मनोज जैन व मंच संचालन श्री मुनीश मालानी ने किया तथा अंत में आभार माना। अंत में स्नेह भोज के साथ समापन हुआ।

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