वस्त्र नगरी भीलवाडा में 75 स्वागत द्वारों से गुजरी



वस्त्र नगरी भीलवाडा में 75 स्वागत द्वारों से गुजरी

'भगवान महेश' की शोभायात्रा

भीलवाडा (राज.)। माहेश्वरी समाज एकता की मिसाल महेश नवमी के पर्व पर भीलवाडा वस्त्र नगरी में देखने को मिलती है, जहां इस पर्व पर माहेश्वरी समाज के समस्त बंधु एकत्र होकर महेश नवमी के इस आयोजन को भव्य रूप देकर सम्मिलित होते हैं।



समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता श्री धीरज राठी ने एम.डी. इकोविस कहा कि पुरानी पीढी और नई पीढी के बीच तारतम्य एक नई और मजबूत इबारत तैयार करना है। बच्चे आधुनिक तकनीक कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि में रूचि लेते हैं। बुजुर्ग पीढी भी इसमें भागीदारी बने उन्होंने कहा कि मानव जीवन को चलाने का जितना रिसर्च भारतीय संस्कृति में हुआ है। उतना अन्य किसी भी देश अथवा संस्कृति में नहीं हुआ है इसलिए भारतीय संस्कृति महान है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में तीन पीिढयां एक साथ रहा करती हैं, लेकिन आज इसका अभाव है। यदि किसी को पालना हो तो धन जरूरी है। घर और समाज के लिए ये तीनों चीजे जरूरी है। कुछ वर्ष पूर्व आए टीवी ने हमारे देश की हजारों वर्ष पूर्व की संस्कृति को हिला दिया है। देश में पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव तेजी से बढता जा रहा है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शोभालाल मून्दडा ने कहा कि महेश नवमी को संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए। नैतिक मूल्यों में आ रही गिरावट को रोकने के लिए संकल्प लेकर आगे बढना चाहिए। इसी के साथ अनिल बल्दुवा ने भी समाज के छात्रों की उपलब्धियों पर उनके अभिभावकों का आभार माना। पूर्व में नगर अध्यक्ष
श्री कैलाशचंद कोठारी ने अपना स्वागत उद््बोधन दिया। कार्यक्रम में पुरस्कार वितरण आर.एल. नौलखा महासभा उपाध्यक्ष, कैलाशचन्द कोठारी, देवकरण गग्गड ने विजेताओं की टीम को पुरस्कृत किया।
महेश नवमी पर्व पर भगवान महेश की यह शोभायात्रा शहर में बने विभिन्न जगहों पर 75 स्वागत द्वारों से गुजरी, जिसमें हजारों महिला-पुरुष व बच्चों सहित गणमान्य नागरिक  शामिल थे। शोभायात्रा में महिलाएं केशरिया वस्त्र तो पुरुष सफेद परिधान में थे। शोभायात्रा प्रभारी उदयलाल समदानी ने बताया कि शोभायात्रा में हाथी-घोडे, ऊंट गाडी व शहनाई की गूंज से वातावरण गूंज उठा। स्वागत द्वार समिति प्रभारी श्री लाल कोगटा ने बताया कि शहर के विभिन्न मार्गों पर स्वागत द्वार एक जैसे बनाए गए थे तथा चौराहों पर लाइटिंग की सजावट तीन दिनों तक की गई थी व रास्ते भर जगह-जगह शीतल जल व पेय पदार्थ की व्यवस्था भी थी। यह शोभायात्रा बडा मंदिर से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई आजाद चौक पहुंची जहां भगवान महेश की पूजा-अर्चना की गई तथा महेश वंदना व स्वागतगान सुमन सोनी ने प्रस्तुत किया।

महोत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में श्री धीरज राठी मुंबई एम.डी. इकोविक्स विशेष रूप से उपस्थित थे। अतिथियों में सर्वश्री रामपाल सोनी महासभा अध्यक्ष, आर.एल. नौलखा महासभा उपाध्यक्ष, शोभालाल मुंदडा, देवकरण गग्गड, राधेश्याम सोमानी, श्रीमती ममता मोदानी, जगदीश प्रसाद सोमानी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल डांगी सभा नगर परिषद ने की। इस मौके पर नगरसभा अध्यक्ष कैलाशचन्द कोठारी व सत्येन्द्र बिडला, देवेन्द्र सोमानी,  रमेशचंद नामधराणी, रामेश्वरलाल काबरा, ओमप्रकाश गट्टानी ने अतिथियों का स्वागत किया।

इस समारोह में अनिल राठी, राजेन्द्र गिलडा, सुरेश चिचाणी, सुरेश कचौलिया, राजेन्द्र पोरवाल, गोपाल नराणीवाल, अनिल बांगड, सम्पत माहेश्वरी, राधेश्याम चेचाणी, प्रहलादराय लङ्ढा, राजेश तोषनीवाल, महावीर समदानी, रमेश राठी, दिलीप राठी, योगेश अगाल, पुष्पेन्द्र नवाल, सुरेश बिडला के अलावा क्षेत्रीय सभाओं, युवा संगठन, महिला संगठन, मरूधरा माहेश्वरी संगठन के अलावा अन्य संगठनों के पदाधिकारी व गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्रकुमार सोमानी व जगदीशप्रसाद कोगटा ने किया तथा आभार कैलाश कोठारी ने माना।
महेश नवमी के अवसर पर रक्तदान शिविर, प्रतिभाओं का सम्मान, खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गई
रक्तदान शिविर
रक्तदान शिविर का शुभारंभ श्री रामपाल सोनी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतवर्षीय महासभा व महामंडलेश्वर श्री नंदगिरीजी महाराज ने द्विप प्रज्जवलित कर किया। शिविर के संयोजक सत्येन्द्र बिडला ने बताया कि शिविर में 175 यूनिट रक्तदान एकत्र किया गया। जिनमें 16 महिलाओं ने भी रक्तदान किया। मुख्य प्रभारी शांतिप्रकाश मोहता व प्रभारी महेश हुरकट थे। महावीर समदानी ने बताया कि शिविर में जिला कलेक्टर भी उपस्थित थे। उन्होंने रक्तदाताओं को धन्यवाद के साथ प्रोत्साहित किया। रक्तदान का संग्रह महात्मा गांधी चिकित्सालय की ब्लड बैंक की टीम द्वारा किया गया।
प्रतिभाओं का सम्मान
समारोह में समाज की प्रतिभाओं का सम्मान किया गया, जिसमें 36 बालक व 20 बालिकाएं थीं, जिनमें 18 शैक्षणिक, 16 प्रोफेशनल कोर्स, 7 स्पेस्फिक सर्विसेस, 15 खेलकूद क्षेत्र की प्रतिभाएं थीं। समारोह में विवेक सोनी को अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट शॉट फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ी
नगर में स्वागत द्वार व चौराहों की सजावट
शोभायात्रा के लिए नगर की सभी क्षेत्रीय सभाओं, संगठनों, संस्थाओं व ट्रस्टों के माध्यम से एक जैसे पच्चहत्तर स्वागत द्वार बनाए गए थे जो समरूपता लिए हुए थे। समिति प्रभारी श्रीलाल कोगटा थे।
विभिन्न दस चौराहों पर तीन दिवसीय विशेष सजावट की गई, जिससे सामाजिक एकता के महत्व का संदेश गया। जिसके प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद कोठारी थे।
हजारों समाज बंधुओं का सहभोज
महेश नवमी के अंतिम दिन समापन पर 'रामेश्वरम' में संध्याकालीन सामूहिक सहभोज का आयोजन किया गया, जिसमें भोजन के लिए बारह काउंटर लगाए गए और सुव्यवस्थित ढंग से भोजन की व्यवस्था की गई जिसमें माहेश्वरी परिवारों के लगभग 14 हजार बंधुओं ने सहभोज का आनंद लिया। भोजन समिति के प्रभारी रमेशचंद नामधराणी थे।
नगर के विभिन्न क्षेत्रों से आवागमन के लिए निःशुल्क परिवहन व्यवस्था की गई थी, जहां विभिन्न क्षेत्रों से आठ बसों द्वारा 'रामेश्वरम्' भोजन स्थल तक निःशुल्क आने-जाने की व्यवस्था थी। साथ ही सुव्यवस्थित पागि व्यवस्था भी थी। परिवहन प्रभारी कैलाश हेडा व कैलाश मूंदडा थे।

खेलकूद प्रतियोगिताएं
वालीबाल शूटिंग प्रतियोगिता 9 से 11 जून तक चित्रकूट धाम में आयोजित की गई थी, जिनमें 60 टीमों ने भाग लिया। गोपालगंज व आर.के.आरसी टीम में फाइनल मैच खेला गया, जिसमें गोपालगंज टीम विजय रही तथा तीसरे स्थान पर संजय कालोनी की टीम जीती। विजेताओं को अतिथि श्री ओमप्रकाश नराणीवाल, राजेन्द्रप्रसाद कोठारी ने पुरस्कृत किया।
'क्रिकेट प्रतियोगिता' उच्च माध्यमिक विद्यालय मैदान पर 11 से 15 जून तक खेली गई, जिसमें 14 टीमों ने भाग लिया। उनमें संजय कालोनी बी, प्रथम स्थान वसंत विहार आजाद नगर, द्वितीय स्थान विजयसिंह, पथिक नगर कालोनियों की टीम तृतीय स्थान, पर रही। विजेताओं को श्री आर.एल. नौलखा महासभा उपाध्यक्ष, कैलाशचंद कोठारी नगर अध्यक्ष व देवकरण गगड ने पुरस्कार प्रदान किए।
इसी प्रकार 'बेडमिंटन प्रतियोगिता' के अलावा दौड, चेयर रेस व 'कृष्णा' मंच प्रतियोगिता, रामचरित्र मानस पर आधारित पर आयोजित थी।
महेश नवमी के इस भव्य समारोह को सफल बनाने के लिए 27 विभिन्न समितियों का गठन किया गया था।  उक्त जानकारी देवेन्द्र सोमानी ने दी है।

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