अपनी बात....

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संगठन से सम्बन्धित सभी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों और समाज बंधुओं को हार्दिक बधाई। आपके उज्जवल एवं यशस्वी जीवन की मंगलकामनाएं प्रेषित करता हूं।
महासभा का 26वां सत्र गुजरकर 27वें सत्र में कदम रखा है। पिछले सात वर्षों में आपके द्वारा सौंपे गए दायित्व का निर्वहन करने का मैंने मन से पूरा प्रयास किया, फिर भी जाने-अनजाने किसी भी अवसर पर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से मेरे द्वारा आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं हृदय के गहनतल से क्षमा प्रार्थी हूं। महासभा अपने स्थापना काल से ही मूर्धन्य समर्पित, दूरदृष्टा एवं सृजनात्मक चिन्तन वाले महानुभावों के नेतृत्व में समयानुसार प्रगति पथ पर अग्रसर होती रही। समाज  संगठन, कुरीतियों के निराकरण, विधवा एवं बाल विवाह, घूंघट प्रथा, बालिका शिक्षा एवं विदेशों में अध्ययन जैसे  कार्यों में महासभा ने अग्रसर रहते हुए अन्य सामयिक समाजों को प्रेरणा प्रदान की, जिससे हमारा समाज गौरवान्वित हुआ है।
महासभा के पच्चीस वें सत्र (रजत जयंती) में आपके सहयोग से मैंने इस महान गौरवशाली संस्था के सभापति का दायित्व स्वीकार किया। वैश्वीकरण, संचार के बढते साधन, कम्प्यूटर, ई-मेल एवं मोबाइल ने दुनिया को मुट्ठी में समेट लिया। तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा भावी जीवन के लिए अनिवार्य हो गई। व्यापार, व्यवसाय एवं उद्योगों में काम करने के तरीकों में वृहद स्तर पर परिवर्तन दृष्टिगोचर हुए। इसी को मध्यनजर रखकर महासभा के मूल उद्देश्य, पूर्वजों की धरोहर संस्कार, संस्कृति युक्त जीवन जीते हुए उच्च शिक्षा को साधारण परिवारों के बालकों तक पहुंचाने, अच्छे शिक्षा केन्द्रों पर शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ देश एवं दुनियां में स्वयं को सक्षम बनाए रखने की दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी महाअधिवेशन के माध्यम से विजन 2020 समाज के समक्ष रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। मुझे आशा है कि हमारा समाज विजन 2020 के लक्ष्य को अवश्य ही समय पूर्व प्राप्त करेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं विद्यार्थियों की आवासीय सुविधाओं हेतु महासभा की प्रेरणा से जन भागीदारी से ट्रस्टों के गठन किए गए। इनकी चारों ओर से सराहना हुई और ट्रस्टों का गठन निरन्तर रूप लेता जा रहा है।
बंधुओं, हमने व्यवसाय संवर्ध्दन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी काम किया है और यह गति निरन्तर चल रही है, किन्तु भौतिकवादी दृष्टिकोण, बिखरते हुए संयुक्त परिवार तथा टी.वी. द्वारा प्रदर्शित असंस्कारित एवं अपसंस्कृति के कार्यक्रमों ने हमारी संस्कृति, संस्कार एवं पारिवारिक सामन्जस्य, आपसी प्रेमभाव व भाईचारे को जिस कदर दूषित किया है, यदि समय रहते तत्काल इसका उपचार नहीं किया गया तो इससे गम्भीर दुष्परिणाम हमें भुगतने होंगे। आप इन सभी सामाजिक समस्याओं एवं दुष्वृतियों से स्वयं परिचित है। इनके विरुध्द वातावरण निर्मित कर विचारों में परिवर्तन लाते हुए उनका क्रियान्वयन करना समय की तात्कालिक आवश्यकता है। महासभा ने 26वें सत्र में चेतना लहर कार्यक्रम के नाम से इसका शुभारम्भ किया है, जिसका सर्वत्र स्वागत किया गया। क्या केवल टॉक शो करने मात्र से इन समस्याओं का निराकरण सम्भव है? कहने और सुनने में ये कार्यक्रम बडे अच्छे लगते हैं, तत्काल हमारी प्रतिक्रियाएं भी अनुकूल एवं समयानुसार होती है, पर यह वैराग्य हमारे में स्थाई रूप नहीं ले पाता और हम जस के तस रह जाते हैं। जितना रोग पुराना होता जाएगा, उसका उपचार असाध्य हो जाएगा। इसलिए आवश्यकता है कि फोडा बडा हो उससे पहले ही ऑपरेशन कर लिया जाए। इनके अलावा भी अनेक समस्याएं हैं, जिनसे आप स्वयं परिचित है तथा समय-समय पर उसके निराकरण एवं निदान हेतु मैंने अपने विचारों से आपको अवगत कराया है। माहेश्वरी समाज का नया नेतृत्व शिक्षा, चिकित्सा रोजगार, विद्यार्थियों के लिए आवासीय सुविधाओं की योजनाओं को गति देते हुए सामाजिक समस्याओं के निराकरण में पहल करेगा।
महासभा के 27वें सत्र के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों कार्यकारिणी मंडल की टीम को निर्वाचित होने पर हार्दिक शुभकामनाएं व बधाईयां... महासभा का 27वां सत्र समाज के विकास और उन्नति की ओर अग्रसर हो।

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