कुछ महत्वपूर्ण सुझाव : परन्तु योग्य वैद्य से सलाह के उपरांत ही प्रयोग करें

कुछ महत्वपूर्ण सुझाव : परन्तु योग्य वैद्य से सलाह के उपरांत ही प्रयोग करें ! इस पावस (वर्षा) काल में सेवन योग्य दिव्य औषधियां : १) तुलसी घन बट्टी ; २) गिलोय घन बट्टी ; ३) महासुदर्शन घन बट्टी = तीनो की २ - २ बट्टियां सुबह - शाम भोजन उपरांत गुनगुने जल के साथ कम से कम ७ दिनों तक लें. पूरा रक्त दोषहीन हो जाने के कारण किसी भी तरह की बुखार , फोड़ा - फुंसी , इन्फेक्सन नहीं होगा . चैत्र और आश्विन माह सेवन के लिए उत्तम समय है , परन्तु प्रारम्भ वैद्यकीय सलाह से तुरंत भी कर सकते हैं बल्कि करना ही चाहिए.बच्चों के लिए १ - १ गुटिका का प्रयोग करें . ४) चन्द्र प्रभा बट्टी : इस औषधी का सेवन ५० वर्ष की आयु के उपरांत प्रत्येक स्त्री - पुरुष को करना चाहिए.पैसाब संबंधी , जोड़ों के दर्द ,साधारण सुगर की बीमारी आदि में राम बाण है. खाना खाने के उपरांत दोनों समय १ - १ गुटिका लेना उत्तम है. ५) ज्वर नाशक क्वाथ : प्रत्येक घर में हवा बंध डिब्बे में रखें , शरीर में थोड़ी सी भी थकान का अहसास हो तो १ चम्मच क्वाथ को एक गिलास पानी में उबाल कर आधा कर लें ,छान कर पी लें - दो तीन बार उपयोग करें , हलकापन तो आ ही जाएगा - मुख मंडल भी खिल जाएगा . ६) दिव्य चूर्ण : पेट संबंधी प्रायः सभी रोगों की राम बाण औषधि - सिर्फ आधा चम्मच सोते समय गुनगुने पानी के साथ - सुबह सम्पूर्ण आराम. हालांकि मैंने स्वयं उपरोक्त औषधियों का सदुपयोग किया है , फिर भी प्रयोग से पूर्व वैद्यकीय सलाह अवश्य - अवश्य लें , वहां और भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेगी. जुगल किशोर सोमाणी , जयपुर


1 Comment(s) on “कुछ महत्वपूर्ण सुझाव : परन्तु योग्य वैद्य से सलाह के उपरांत ही प्रयोग करें“

Comment by : ashok bhutra 01/12/2014 07:51 AM

nice idea

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